ये वायरस भारी पडे़गा

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चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के कई देशों में फैल गया है। भारत भी दहशत में है इसने 2002-03 में चीन से फैले सोर्स की याद दिला दीं है। सोर्स भी कोरोना फैमिली का वाइरस था। जब वह शुरू हुआ तो चीन की सरकार लंबे समय तक इसका खंडन करती रही। नतीजा यह हुआ यह वाइरस बड़ी तेजी से 34 देशों में फैल गया ओर उससे 750 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई। लेकिन इस बार चीन ने कोरोना के मामले को छुपाया नहीं इसके बारे में समय रहते सारी जानकारी दुनिया से शेयर की और अपने देश में भी बचाव के अभूतपूर्व कदम उठाए उसने अपने 13 शहरों को बंद कर दिया है वहां के निवासियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

विश्व स्वास्थय संगठन ने इस वाइरस को गंभीरता से लिया है, लेकिन उसने दुनियां के लिए आपात स्थिति घोषित करने से मना किया है। उसने केवल चीन के लिए आपात काल बताया है। उसका कहना है कि अभी यह साफ नहीं है कि यह नया वाइरस कितना खतरनाक है यह जाने बगैर विश्व के लिए इसे चिंताजनक हालत नहीं कहा जा सकता है। लेकिन तमाम देशों ने इससे बचाव की तैयारी शुरू कर दी है। भारत में भी पूरी तैयारी है। पिछले कुछ वर्षों में एच1 एन1, डेंगू, चिकनगुनियां से निपटने के क्रम में हमारा स्वास्थ्य तंत्र पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हुआ है। कोरोना से निपटने के लिए हवाई अड्डों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए गए हैं चीन से आने वाले अंतराष्ट्रीय पर्यटकों की थर्मल स्कैनर के जरिए जांच करने का निर्देश दिया गया है। चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा परामर्श भी जारी किया गया है देश में आने वाले 96 विमानों के 20 हजार यात्रियों की थर्मल जांच की गई है जिनमें काई भी व्यक्ति इस वाइरल से ग्रसित नहीं पाया गया है। पिछले कुछ दिनों में चीन से केरल आए 80 लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। इनमें बुखार और जुकाम के लक्षण पाए गए हैं।

मुबंई में भी ऐसे लक्षण वाले दो लोगों को हॅास्पीटल में भर्ती कराया गया है। इस वाइरस के लिए भी कोई टीका और दवा उपलब्ध नहीं है। दूसरी समस्या यह है कि इसके कुछ विशिष्ट लक्षण भी नहीं हैं कि इसकी तत्काल पहचान हो सके। आमतौर पर हम सर्दी खांसी को सामान्य बीमारी मानकर ही चलते हैं। लेकिन इसे लेकर अब सतर्क होना होगा। इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाई जानी चाहिए। डॉक्टरों की सलाह है कि हम साफ-सफाई का खासतौर से ध्यान रखें। हाथ अच्छी तरह धोएं। साबुन या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। नॉन वेज खासकर सी-फूड खाने से बचें, क्योंकि यह वायरस सी-फूड से ही फैला है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्दी ही इस पर नियंत्रण कर लिया जाएगा। असली दिक्कत भारत के सामने भी आने वाली है। चीन में भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं। और बाकी भी सैंकड़ों लोग चीन से बाहर अपने ही देश नहीं आ पा रहे हैं। दिक्कत ये भी है कि इन सबके आने से कहीं वायरस भारत को भी अपनी गिरफ्त में ना ले ले इसका भी इलाज भारत को तलाशना है।

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