शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव स्वयंभू हैं। वे देवों के देव महादेव हैं। कैलाश पर्वत उनका निवास स्थान है। गले में लिपटा नाग, मस्तक पर सुशोभित चंद्रमा, जटा में गंगा, हाथ में त्रिशूल और डमरू कुछ ऐसा स्वरूप है भगवान शिव का। शैव मत को मानने वाले भगवान की आराधना करते हैं। भगवान शिव को भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ आदि नामों से भी जाना जाता है। कहते हैं जो भक्त शिव की आराधना करते हैं उन्हें समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन उनकी पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। शिव को ये सात चीजें कभी नहीं चढ़ानी चाहिए।
शंख
भगवान शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है। दरअसल भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है शिवजी की नहीं।
तुलसी के पत्ते
तुलसी को हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है और सभी शुभ कार्यों में इसका प्रयोग होता है, लेकिन तुलसी को भगवान शिव पर
चढ़ाना मना है। भूलवश लोग भोलेनाथ की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करते हैं जिस वजह से उनकी पूजा पूर्ण नहीं होती।
नारियल का पानी
शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन कभी भी शिवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जिनका संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए शिव जी को नहीं चढ़ता।