बेरोजगारों से धन का हरण करने वालों का सब जगह मरण

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पितरों का कहर टूटता है : वाराणसी के पंडित डा. सुभाष पांडेय ने कहा कि जो लोग दूसरे के वृत्ति का हरण करते हैं तथा गरीबों के धन का हरण करते हैं गरूड पुराण में कहा गया है कि जो मनुष्य दूसरों की आजीविका का हरण करे, दूसरों की स्वतंत्रता का हनन करे, गरीबों का शोषण करे तो वह मरने के बाद सीधे अंधतामिस्त्र नरक में गिरता है और वहां उसका सामना यम से होता है और जीते जी उसके द्वारा किया गया श्राद्ध और तर्पण पितर भी ग्रहण नहीं करते।

मरे को मारने जैसा : मेरठ के फादर डेनियल कहते हैं कि बेरोजगार के जीवन में अनेकों समस्याएं होती हैं। वह नौकरी दिलाने वाले पर आसानी से विश्वास कर लेता है। उस समय वह व्यक्ति ईश्वर के समान दिखने लगता है और उसके पास जो भी कुछ है वह भी दांव पर लगाने को तैयार रहता है। जिसका नाजायज फायदा नौकरी दिलाने वाले धोखेबाज उठाते हैं। जब बेरोजगार को पता चलता है कि उसके साथ धोखा हुआ है तो उसकी आस्था ईश्वर से भी उठ जाती है। सम्भव है वह भी किसी अपराध की राह अपना ले। बेरोजगार के साथ ऐसा करना मरे हुए व्यक्ति को फिर से मारने के बराबर है जो अति अमानवीय व अनैतिक व असंवैधानिक है। ऐसे लोगों का अपराध साबित होने पर उसको सजा शीघ्र व सार्वजनिक करनी चाहिए और जिसके साथ धोखा हुआ है उसे धोखेबाज को प्राप्त धन से अधिक से अधिक भरपाईकरनी चाहिए। साथ ही नौकरी भी देनी चाहिए।

धोखा देना गलत : नायब शहर काजी जैनुस राशद्दीन ने कहा कि झूठ बोलना और किसी को धोखा देना इस्लाम में नहीं है। इस्लाम मजहब के लोगों को गलत राह नहीं चुननी चाहिए। इंसानियत का दूसरा नाम है किसी को परेशान न करना। ठगना, झूठ बोलना, फरेब बोलना, फरेब करना धोखा देना ये इंसानियत नहीं है। जो लोग ऐसा कर रहे है उन्हें कानून से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

अंहिसा परमो धर्म : जैन मुनि प्रणम्य सागग महाराज ने कहा कि “अहिंसा परमो धर्म” जैन समाज से यही तो सीखने को मिलता है। जिसका मन सच्चा है, जो दूसरो के बारे में नेक नीयत रखता है, दूसरों की मदद करता है वही जैन है। विश्नावस में लेकर धोखा देना वो जैन नहीं हो सकता दरअसल हमने मुनियों के पास बैठना बंग कर दिया है। दुनिया को अपने अंदर उतार लिया है। यही कारण है कि हम बहक रहे हैं, झूठ फरेब और ठगी करने वालों के साथ भगवान नहीं है।

सच्चाई के मार्ग पर चले : जमीयत उलमा हिन्द के महामंत्री हाजी इमरान सिद्दकी का कहना है कि सच्चाई के रास्ते पर सबको चलना चाहिए। आज का युवा जिस तरीके से पैसा कमाने की जुगत में लगा है, उसके जिम्मेदार हम खुद है। हम अपने बच्चों को वो शिक्षा नहीं दे पा रहे, जिससे वे सही रास्ते पर नहीं आ रहे। युवाओं का भटकना देश का भटकना है। ठगी और चोरी का रास्ता अच्छा नहीं है।’ प्रभात’ ने जो खुलासा किया है, मेरी ओर से बधाई। मैं आज के युवाओं को संदेश देना चाहूंगा कि वे नेक रास्ता अपनाए और देश की शान बने।

पापी निश्चित दुख भोगेगा : औघड़नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी सारंग त्रिपाठी का हकना है कि नौकरी व्यवसाय अथवा अन्य किसी भी कार्य के लिए लोगों को पैसा लेकर ठगना बेहद निंदनीय अपराध है। हिन्दू मान्यता के अनुसार ऐसे लोगों को परणोपरांत एक वर्ष तक जलते हुए खंबे के साथ बांधकर कोड़ों से पीटा जाता है, जबकि उसे मनुष्य की जगह किसी जीव-जंतु के रुप में जन्म लेना पड़ता है। दुख भोगने से कोई नहीं बता सकता है। जीवन में ऐसा कोई भी काम जो दूसरों को दुख देता हो किसी बी कीमत पर सुखदायी नहीं हो सकता है।

छल निंदनीय और पाप : समाजसेवी सरदार मंजीत सिंह कौछड़ का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को छलना बहुत गलत बात है। इंसान किसी काम को कराने के लिए पहले पैसा देता हैं, फिर यही आस लगता हैं कि मेरा काम जल्द लगेगा, लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए गुमराह करते हैं, जो गलत हैं।

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