बालाकोट पर हमले का पाक को अंदेशा नहीं था

0
313

बालाकोट में जंगल से घिरे पहाड़ी इलाके में रिजॉर्ट स्टाइल के फाइव-स्टार कैंप में आतंकियों को छिपा दिया था। दरअसल, उसने यह तैयारी 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक को सोचकर की थी, इस बार भारतीय एयरफोर्स का ऐक्शन उसकी उम्मीद से परे निकला।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से सैकड़ो आतंकियों और उनके ट्रेनर्स का बालाकोट में शिफ्ट कर पाकिस्तान काफ आश्वस्त हो गया था। उसने बालाकोट में जंगल से घिरे पहाड़ी इलाके में रिजॉर्ट स्टाइल के फाइव-स्टार कैंप में आतंकियों को छिपा दिया था। दरअसल, उसने यह तैयारी 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक को सोचकर की थी, इस बार भारतीय एयरफोर्स का ऐक्शन उसकी उम्मीद से परे निकला। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार तड़के भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राईक में बालाकोट का इलाका फाइटर प्लेन्स के लिए आसान टारगेट बन गया और एक ही झटके में करीब 350 आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया।

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का यह सबसे बड़ा कैंप था, जिसमें हमले के समय कम से कम 325 आतंकी और 25 से 27 ट्रैनर्स मौजूद थे। वैसे, पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम देना इतना आसान भी नहीं था, पर भारतीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल से वायुसेना ने यह कर दिखाया। आपको बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी, जिसमें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के 40 जवान शहीद हो गए थे।

सूत्रों ने बताया कि कैंप में तड़के 3:30 बजे हर कोई सो रहा था। पाकिस्तान की फौज और उनकी एजेंसियों को इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि देश में इतने अंदर घुसकर भारतीय लड़ाकू विमान कहर बरपाकर चले जाएंगे। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान इस बार भी यही सोच रहा था कि भारत पीओके में नियंत्रण रेखा के करीब सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। हालांकि भारत को सटीक खुफिया जानकारी मिल गई थी कि जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों और उनके ट्रेनर्स को बालाकोट कैंप शिफ्ट कर दिया गया है। इस कैंप की क्षमता 500 से 700 लोगों की है। यहां एक स्विमिंग पूल भी है। एक सूत्र ने बताया कि लड़ाकू विमान और दूसरे एयरक्राफ्ट पश्चिमी और केन्द्रीय बेस से एक ही समय पर उड़े, जिससे पाकिस्तान के रक्षा अधिकारी इस भ्रम में रहे कि ये किस तरफ जा रहे हैं। एयरक्राफ्ट का एक छोटा समूह बालाकोट की ओर बढ़ा और भारी बमबारी कर सोते हुए आतंकियों को हमेशा के लिए सुलाकर लौटा आया।

एक सूत्र ने कहा, उन्हें (पाकिस्तान) आइडिया ही नहीं था कि बालाकोट टारगेट हो सकता है…जब तस्वीरें आएंगी तो आप देखेंगे कि वहां केवल खंडहर होगा। आपको बता दें कि यह आतंकी कैंप बालाकोट टाउन से 20 किमी दूर है। बालाकोट टाउन से 20 किमी दूर है। बालाकोट नियंत्रण रेखा से करीब 80 किमी दूर और एबटाबाद के काफी करीब है, जहां अल कायदा का पूर्व सरगना और खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन रहता था और अमेरिका फोर्सेज के ऑपरेशन में मारा गया था। अमेरिका के ऑपरेशन के समय भी पूरी पाकिस्तानी फौज को समझ नहीं आया था कि आखिर हुआ क्या और केसै हो गया? बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुन्हर नदी के किनारे स्थित है और इसका इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन द्वारा भी किया गया था। सूत्रों ने कहा कि कुन्हर नदी के किनारे स्थिति बालाकोट शिविर जलीय प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराता था। कई मौकों पर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना एवं आतंकवादी मसूद अजहर ने यहां पर भड़काऊ भाषण दिए थे।।

        देवेंद्र शर्मा
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here