बघेल का क्लीन फेस-पिता पर केस

0
216

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर व उनकी गिरतारी कराकर आधुनिक राजनीति में एक मिसाल पेश की है। हो सकता है कि इसकी वजह सियासी हो क्योंकि पूरे मामले को अगले साल की शुरुआत में होने वाले यूपी विधानसभा के चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन फिर भी उनकी इस हिम्मत की सराहना इसलिये की जानी चाहिए कि आमतौर पर कोई मुख्यमंत्री ऐसे मामले में इतना सत कदम नहीं उठाता बल्कि परिवार के सदस्य को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा देता है। साथ ही विपक्ष का मुंह चुप कराने के लिए तमाम तरह के तर्क-कुतर्क देकर उससे अपना पल्ला झाड़ लेता है। दरअसल, मुख्यमंत्री के पिता नंद कुमार बघेल 86 बरस के हैं और वे कुर्मी समाज के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पिछले दिनों लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मण समाज के खिलाफ कुछ विवादित बातें कही थीं जिसके बाद यूपी से लेकर छत्तीसगढ़ तक बवाल होना स्वाभाविक था। नंद कुमार बघेल ने कहा था कि ब्राह्मण विदेशी नागरिक हैं, इन्हें देश से निकाल देना चाहिए।

हमारे समाज के लोग इन्हें गांव में घुसने नहीं दें। उनका ये बयान गैरकानूनी होने के साथ ही समाज के दो वर्गों में घृणा पैदा करने वाला भी था। ऐसा कहा जा रहा है कि इससे पहले भी वे कोई विवादित बयान दे चुके हैं लेकिन तब उसे इतना तूल नहीं दिया गया था। वहीं इस बार सर्व ब्राह्मण समाज ने रायपुर के डीडी नगर पुलिस स्टेशन में नंद कुमार बघेल के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया था। जाहिर है कि पुलिस उस पर इतनी जल्द कार्रवाई नहीं करती लेकिन जब मुख्यमंत्री को पता चला तो उन्होंने तुरंत पुलिस को अपने पिता के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया। उसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और अब मामले की जांच आगे जारी है। मुयमंत्री बघेल ने कहा कि पिता होने के नाते उनका पूरा सम्मान है लेकिन किसी समाज के खिलाफ अगर बात कही है तो उनके खिलाफ पूरी कार्रवाई होगी क्योंकि कानून से ऊपर कोई नहीं है। सीएम के पिता के बयान वाला वीडियो छत्तीसगढ़ में वायरल है और जाहिर है कि विपक्षी बीजेपी इसे सियासी रंग देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।

लिहाज़ा पिता पर एफआईर दर्ज होने के बाद बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरी जिम्मेदारी बनती है कि समाज में सामाजिक समरसता बनी रहे। अगर कोई इसे खंडित करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। मेरे पिता ने अगर किसी समाज के खिलाफ यह बात कही है तो मुझे उसका दुख है क्योंकि इस तरह की बात नहीं की जानी चाहिए थी। इस पूरे मामले को आगामी यूपी चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, यूपी में ब्राह्मण वोटर काफी मायने रखते हैं जिनकी आबादी करीब 11 फीसदी है। ब्राह्मणों को लुभाने के लिए प्रियंका गांधी यूपी में पूरी ताकत झोंक रही हैं तो अन्य दल भी ब्राह्मण वोटरों को अपने पाले में करने के लिए जीजान से जुटे हैं ।

ऐसे में सीएम के पिता के इस बयान को कांग्रेस अपने लिए एक बड़े झटके के रूप में देख रही थी। क्योंकि कांग्रेस के खिलाफ ब्राह्मणों की नाराजगी सड़कों पर उतर आई थी और बीजेपी के लिए भी ये एक कारगर हथियार बन गया है। चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर ही मुख्यमंत्री को इतना सत फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा ताकि डैमेज कंट्रोल किया जा सके। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि सीएम के पिता के वीडियो को छत्तीसगढ़ बीजेपी के कई नेताओं ने राहुल व प्रियंका गांधी को टैग करते हुए उनसे सवाल पूछे थे। लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं था। वहीं, अब मुख्यमंत्री बघेल ने ये फैसला लेकर पार्टी नेतृत्व को तो तात्कालिक संकट से उबारा ही है। साथ ही अपनी इमेज को निष्पक्ष बनाते हुए बाकी मुख्यमंत्रियों के लिए भी एक नज़ीर पेश कर दी है। क्या बाकी राजनेता भी ऐसा ही करेंगे?

नरेंद्र भल्ला
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here