फाल्गुन आयो रे…

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हिन्दू कैलेण्डर का आखिरी महीना फाल्गुन बुधवार से शुरू हो गया। इस महीनें में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं होलिका दहन 20 मार्च को होगा और 21 मार्च को होली खेली जाएगी। इसके साथ फाल्गुन महीना खत्म हो जाएगा और हिन्दू कैलेण्डर का पहला महीना चैत्र शुरू हो जाएगा।

14 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। वहीं मान संक्रांति होने के कारण यानी सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने से विवाह और अन्य मांगलिक काम नहीं किए जाएंगे। 20 मार्च को होलिका दहन के साथ होलाष्टक तो खत्म हो जाएगा लेकिन मीन संक्रांति के कारण 14 अप्रैल के बाद ही मांगलिक कामों की शुरुआत हो पाएगी। ज्योतिष गणना के अनुसार फरवरी-मार्च में 5 दिन विवाह के लग्न मुहूर्त है। इसी कड़ी में 21 फरवरी 7, 8, 9 और 12 मार्च को विवाह मुहूर्त है। इस दौरान 8 मार्च को फुलेरा दूज होने कारण विवाह आदि मांगलिक कामों के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन बड़ी संख्या में शादी समारोह होंगे। कुछ विद्वानों के अनुसार इसमें सूर्य, गुरु आदि का बल देखने की आवश्यकता नहीं रहती, इसे स्वयंसिद्धि मुहूर्त कहा गया है।

महीने का महत्व

इस महीने में चार मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन देशभर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहेगी। फाल्गुन का महीना आते ही वातावरण रंगीन हो जाता है। खेतों में पीली सरसों लहलहाती है, पेड़ो पर पत्तों ही हरी कोपलें और पलाश के केसरिया फूल दिखाई देने लगते हैं। ये माह हमें सिखाता है कि हमेशा सकारात्मक सोचें चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो। जैसे पेड़ों के पत्ते झड़ने के बाद नए पत्ते आते हैं। वैसे जीवन में दुःख के बाद सुख भी आते हैं। मान्यता है कि इस माह की विजया एकादशी (2 मार्च) का महत्व भगवान श्रीराम से जुड़ा है। सीता हरण के बाद लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए जाते समय जब समुद्र बाधा बना। तब श्रीराम ने विजय एकादशी का व्रत कर सागर पार करने में सफलता पाई और युद्ध में विजयी हुई। इस दिन भगवान वासुदेव की पूजा भी जाती है।

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