तेजी से हो टीकाकरण

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कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी के बीच हिमाचल से सुकून भरी खबर आई है। हिमाचल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया, जहां सभी पात्र आबादी को कोविड टीके का कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है और एक तिहाई को दोनों डोज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान की हिमाचल की इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार की सहारहना की है। यूं तो दूसरे राज्यों में भी टीकाकरण की रतार तेज है. लेकिन हिमाचल ने बाजी मारी है। पीएम ने कहा कि भारत में कोविड-19 रोधी टीकों की प्रतिदिन 1.25 करोड़ खुराक दी जा रही है और यह संया कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। भारत अब तक टीकों की 70 करोड़ खुराक लगा चुका है। दरअसल, टीकाकरण को कोरोना की तीसरी लहर से बचे रहने के लिए प्रभावी हथिवार माना जा रहा है। भारत में दूसरी लहर के बाद कोरोना के थमने के पीछे टीकाकरण को श्रेय दिया जा रहा है। रोजाना आपने वाले कोविड के नए केस न्यूनतम स्तर पर है। केवल केरल को छोड़कर दूसरे राज्यों में कोविड के केस थम गए हैं क्या नगणन्य हो गए हैं।

इसके चलते लॉकडाउन में अनेक प्रकार से ढील दी जा चुकी है, स्कूल खुलने लगे हैं। ऐसे में जरूरी है कि देश में टीकाकरण अभियान तेजी से चलता रहे। इसके लिए दूसरे राज्य हिमाचल मॉडल से सीख सकते हैं। राज्य सरकारों को तत्परता से टीकाकरण अभियान को सफल बनाना पड़ेगा। तब तक दवाई भी, कड़ाई भी के मंत्र का पालन करते रहना होगा। भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता प्रत्येक भारतवासी के सहयोग पर निर्भर करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी सकारात्मक बात कही है। अदालत के सामने सवाल आया कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति अभी भी एक रहस्य है और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी उत्पत्ति महाराष्ट्र के अमरावती में हुई है? इस पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति पर साजिश के कोण में पडऩे के बजाय वह महामारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित करेगी। शीर्ष अदालत ने उस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया, जिसमें डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति और वह किस हद तक कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था, इसके बारे में वैज्ञानिक पड़ताल के उद्देश्य से इस अदालत के परामर्श से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों (चीन के लोगों सहित) को मिलाकर एक अंतरराष्ट्रीय कार्य बल गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता एनजीओ अभिनव भारत कांग्रेस और उसके अध्यक्ष पंकज फडणीस को अंतरराष्ट्रीय कार्य बल के गठन के संबंध में सरकार से संपर्क करना चाहिए। आपको अपने अनुरोध के साथ सरकार से मिलकर एक प्रस्तुतिकरण देना चाहिए। इस मामले के लिए हमारा अधिकार क्षेत्र चीन के नागरिकों या अमेरिका के नागरिकों पर नहीं है। अगर वे वायरस स्वरूप की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एक कार्यबल का गठन करना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते। यह सही है कि कोविड से संबंधी सवालों को लेकर सरकार के पास जाना चाहिए, न कि अदालत के सामने। ऐसे में अगर हमें कोरोना से बचे रहना है, तीसरी लहर को नहीं आने देना है, तो सरकार को अपना फोकस टीकाकरण की तेज गति को बनाए रखना होगा और पात्र नागरिकों को जल्दी से जल्दी टीका लगा कर सहयोग करना होगा। टीकाकरण की सफलता राष्ट्रीय अभियान की सफलता साबित होगी।

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