तुम खुश तो होगे…
तुम्हारी रोटियां पक तो जाएंगी
सेना की चिताओं की गर्मी से
तुम खुश तो हुए होंगे।
उनके बिखरे परिवार को रोते देख कर
वह रोते रहे हैं और रोते रहेंगे
तुम्हारे चेहरे का बिम्ब खिला तो होगा
शायद गिद्ध की भांति जो मुर्दो को खाकर
अपना पेट भरता है।
शायद तुम भी वही गिद्ध हो
जो जा रहे सेनाओं पर टूट पड़े
तुम्हारे खोखले विचारधारा का सार
बंदूक की नली है जो बेसहारों से लेकर
देश की रक्षा में लगे जवान तक को खा जाती है।