जाधव को तत्काल रिहा करे पाक

0
170

हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के जज इस समय परम आनंद की स्थिति में होंगे। उन्होंने अपनी जिंदगी में कूलभूषण जाधव के मामले-जैसा फैसला कभी नहीं दिया होगा। इस फैसले का सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि वादी और प्रतिवादी दोनों ही जश्न मना रहे हैं। भारत कह रहा है कि 16 में से 15 जजों ने जाधव के मुकदमे को फिर से चलाने और उसे भारतीय वकीलों की मदद लेने का अधिकार देकर पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा लगाया है और पाकिस्तान कह रहा है कि अदालत ने भारत की इस प्रार्थना को रद्द कर दिया है कि जाधव को वह निर्दोष माने और उसे रिहा करे। अदालत ने उस पर फिर से मुकदमा चलाने को कहा है। पाकिस्तान उसका स्वागत करता है।

अगर पाकिस्तानी लोग इस फैसले पर जश्न मना रहे हैं तो भारत में भी लोग खुश हैं कि कुलभूषण जाधव की जान बच गई। वह बचेगी या नहीं, यह तो पाकिस्तान की अदालत तय करेगी लेकिन अब पाकिस्तान की फौजी या नागरिक अदालत अपनी मनमानी नहीं कर सकती। उसे भारतीय वकीलों के लिए भी अपने दरवाजे खोलने होंगे। पाकिस्तान ने जाधव पर एकतरफा फैसला देकर अंतरराष्ट्रीय अदालत के सामने अपनी नाक नीची कर ली। उसके मृत्युदंड के फैसले पर पुनर्विचार की बात कहकर हेग की अदालत ने पाकिस्तान को परेशानी में डाल दिया है।

पाकिस्तानियों को इस बात की तकलीफ जरुर होगी कि इस मामले में अमेरिका और चीन ने भी उसका साथ नहीं दिया। उनके जजों ने भी पाकिस्तान की आलोचना की है कि उसने जाधव के मामले में वियना अभिसमय या अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन किया है। अब यदि जाधव पर दुबारा मुकदमा चलाकर पाकिस्तान उसे फांसी देना चाहेगा तो वह आसान नहीं होगा। बेहतर यही होगा कि इमरान खान गहरी उदारता का परिचय दें। जैसे उन्होंने भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा किया, वैसे ही वे जाधव को रिहा कर दें। इस काम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और भारत-पाक संवाद का रास्ता खुलेगा। ऐसा होने पर जाधव के मामले में न भारत हारेगा और न ही पाकिस्तान। भारत और पाकिस्तान, दोनों ही जीतेंगे।

डॉ. वेदप्रताप वैदिक
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here