गुप्त नवरात्र : इन 9 दिनों में की जाती है शिव और शक्ति की साधना

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शिव व शक्ति
शिव व शक्ति

हिन्दू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र होती हैं, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्र (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। इसके अलावे माघ व आषाढ़ मास में भी नवरात्र का पर्व गुप्त रूप से मनाया जाता है। इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्र का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा यानी आज से शुरू होगा। जो 14 फरवरी गुरुवार को समाप्त होगी।

क्यों कहते हैं इसे गुप्त नवरात्र?

माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं, क्योंकि इसमें गुप्त रूप से शिव व शक्ति की उपासना की जाती है। जबकि चैत्र व शारदीय नवरात्र में सार्वजनिक रूप में माता की भक्ति करने का विधान है। माघ शुक्ल पंचमी को ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थी। इन्हीं कारणों से माघ मास की नवरात्र में सनातन, वैदिक रीति के अनुसार देवी साधना करने का विधान निश्चित किया गया है। गुप्त नवरात्र विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इन दोनों गुप्त नवरात्र (माघ तथा आषाढ़) में विशेष साधना करते हैं तथा चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करते हैं।

 शिव व शक्ति
शिव व शक्ति

हिन्दू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र होती है। वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्र होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्र होती है। इसके बाद आश्विन मास में प्रमुख नवरात्र होती है। इसी माह में प्रमुख नवरात्र होती है इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्र मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। आश्विन मास की नवरात्र सबसे प्रमुख मानी जाती है। इस दौरान गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्र चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को क्रमश शारदीय व वासंती नवरात्र के मान से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त आषाढ़ तथा माघ-मास की नवरात्र गुप्त रहती है।।

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