गीता सार

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जब जब इस धरती पर पाप,
अहंकार और अधर्म बढ़ेगा,
तो उसका विनाश कर पुनः
धर्म की स्थापना करने हेतु,
में अवश्य अवतार लेता रहूंगा

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