सार गीता का सार By admin - January 26, 2020 0 350 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे उसके अनरुप ही फल की प्राप्ति होती है। इसलिए सदकर्मों को महत्व देना चाहिए। मन को ऐसे करें नियंत्रित मन चंचल होता है, वह इधर उधर भटकता रहता है। लेकिन अशांत मन को अभ्यास से बस में किया जा सकता है।