सार गीता का सार By admin - March 29, 2020 0 360 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp क्रोध से भ्रम पैदा होता है भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट हो जाता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।