क्यों उछला रंजन गोगोई का नाम?

0
244

दिल्ली की मीडिया का भगवान मालिक है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता तरुण गोगोई ने राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान में कंफ्यूजन पैदा करने के लिए एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य रंजन गोगोई असम में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। हालांकि इसका कोई आधार नहीं है क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार है और सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री हैं। उनके बाद कांग्रेस से आए मजबूत नेता हिमंता बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। इन दोनों को छोड़ कर भाजपा किसी को भी दावेदार बनाती है तो वह उसके लिए आत्मघाती साबित होगा। दो सबसे मजबूत नेताओं को नाराज करने का जोखिम पार्टी नहीं उठा सकती है।

परंतु तरुण गोगोई ने यह बात कही और मीडिया में यह खबर चल पड़ी कि रंजन गोगोई मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे। थोड़े समय तक तो यह बात तरुण गोगोई के हवाले ही चलती रही पर थोड़ी देर के बाद मीडिया समूह खुद ही खबर चलाने लगे। उन्होंने अपनी तरफ से कहना शुरू कर दिया कि रंजन गोगोई दावेदार होंगे। कुछ अति उत्साही लोग उनको 2022 में उप राष्ट्रपति का दावेदार बनाने लगे तो कुछ लोग राष्ट्रपति पद का दावेदार बनाने लगे। कुल मिला कर कांग्रेस के एक नेता के राजनीतिक मकसद से दिए गए बयान पर मीडिया ने जैसी राजनीति की वह हैरान करने वाली है। यह भी देखने वाली बात होगी कि इसके पीछे कोई एजेंडा था या अपनी मूर्खता में ही यह काम किया गया।

वैसे असम में भारतीय जनता पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। पार्टी के संकटमोचन और समूचे पूर्वोत्तर में भाजपा की जड़ मजबूती से जमाने वाले पूर्व कांग्रेस नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि वे अगले साल अप्रैल-मई में होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। सरमा का ऐसा कहना पार्टी के अंदर फूट का संकेत है। उन्होंने जिस दिन से कांग्रेस छोड़ कर भाजपा ज्वाइन किया उस दिन से उनको राज्य में मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। पर चूंकि वे पिछले चुनाव से थोड़े दिन पहले ही भाजपा में गए थे इसलिए 2016 में पार्टी के पुराने नेता सर्बानंद सोनोवाल मुयमंत्री बने और सरमा को सरकार को नंबर दो की हैसियत मिली। पर वे ज्यादा समय तक इस हैसियत में नहीं रहना चाहते हैं। उनके करीबियों का कहना है कि नंबर दो की हैसियत तो उनकी कांग्रेस में भी थी।

पिछले दिनों इस बात की चर्चा हुई थी कि पार्टी हिमंता सरमा को मुख्यमंत्री का दावेदार बना सकती है। लेकिन अचानक कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का नाम उछालते हुए कहा कि वे भाजपा के मुयमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। हालांकि ऐसा होना नहीं है पर सरमा को लग रहा है कि यह उनके खिलाफ साजिश है। पार्टी सर्बानंद सोनोवाल को ही आगे रख कर चुनाव लडऩे वाली है और गोगोई का नाम किसी योजना के तहत आगे किया गया है। तभी सरमा ने चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा कर दी। इससे भाजपा नेतृत्व को उनके बारे में सोचना होगा। कहा जा रहा है कि वे चुनाव से पहले केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके लिए उनको कहीं से राज्यसभा में लाया जाएगा। राज्य के किसी सांसद को विधानसभा चुनाव लड़ा कर खाली सीट पर उपचुनाव कराने का भी विकल्प है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here