कमलनाथ ने मोर्चे पर मंत्री किए तैनात

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मंत्रियों से कहा गया है की वे अपने लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो और पार्टी के प्रत्याशियों की नामांकन पत्र दाखिल करने से लेकर परिणाम आने तक साथ में रहे उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी रहे चाहे वह जीते हो या हारे उनसे भी कहा गया है कि जितनी वोट उन्हें मिले थे उससे एक भी वोट कम लोकसभा प्रत्याशी के लिए नहीं होना चाहिए स्वयं कमलनाथ ने समन्वय करने का जिम्मा संभाल लिया है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों को मोर्च पर तैनात कर दिया है मंत्रियों से कहा गया है की वे अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो और पार्टी के प्रत्याशियों की नामांकन पत्र दाखिल करने से लेकर परिणाम आने तक साथ में रहे उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी रहे चाहे वह जीते हो या हारे उनसे भी कहा गया है कि जितनी वोट उन्हें मिले थे उससे एक भी वोट कम लोकसभा प्रत्याशी के लिए नहीं होना चाहिए स्वयं कमलनाथ ने समन्वय करने का जिम्मा संभाल लिया है। दरअसल सरकार बनने के बाद जिस तरह से कांग्रेस नेताओं ने 2 महीने तक कांग्रेस कार्यालय मुख्यमंत्री निवास और बल्लभ भवन में धमा चौकड़ी मचाई है और अधिकारी कर्मचारी की पोस्टिंग कराने में रुचि दिखाई है अब पार्टी उन नेताओं से अपेक्षा कर रही है की ये अपने-अपने क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशियों को वोट दिलाएं कुछ अवसरों पर तो कमलनाथ ने यहां तक कह दिया है यदि आपने प्रत्याशी नहीं जिताया तो फिर आप यहां मुझे शक्ल दिखाने मत आना नेता कोई बहाना ना बना पाए इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकांश प्रत्याशी स्थानीय नेताओं की सहमति के आधार पर बनाएं है।

जिसमें मंत्रियों की खास तौर पर राय ली गई है सभी मंत्रियों को कैबिनेट का दर्जा गिया गया है अब उनसे भी अपेक्षा की गई है कि आप भी पार्टी को अपने क्षेत्रों में दर्जा बढ़ाए जीत का मार्जिन बढ़ाए और शायद यही कराण है कि तेज धूप में भी अब कांग्रेस नेता और मंत्री प्रत्याशी के साथ पसीना बहाते हुए नजर आएंगे। बहरहाल शनिवार से शुरु हुए नवरात्रि पर्व पर जहां नेता शक्ति की आराधना करते हुए देखे गए वही मतदाता भी भक्ति में लीन हो गया है और भी मतदान के दौरान दोनों दलों का शक्ति परीक्षण करेगा प्रत्याशियों का तुलनात्मक अध्ययन करेगा और किसी एक का दिल्ली के लिए हरी झंडी दिखाएगा फिलहाल सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं के सामने बहुत बड़ी सुनौती पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सौंप दी है जिसमें हर हाल में उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों से लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी को चुनाव जिताना है चाहे वह विधानसभा का हारा हुआ हो प्रत्याशी या जीता हुआ विधायक हो या फिर उस इलाके का मंत्री हो। विधानसभा चुनाव के दौरान समन्वय का जो काम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह देखते थे यह काम अब मुख्यमंत्री कमलनाथ स्वयं देखेंगे।

प्रबंधन का जो काम ज्योतिरादित्य सिंधिया देखते थे वह काम अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी देखेंगे इस कारण कोई भी नेता कहीं भी चुनाव प्रचार में गड़बड़ी करेगा उसको बक्सा नहीं जाएगा कुछ क्षेत्रों में नेताओं को पोलिंग बुथ लिस्ट दी जाएगी यह आपके इलाके के इन्हें आप जित आइए अन्यथा फिर पार्टी और सरकार के पास कुछ मांगने के लिए मत आइयेगा। संभवत कांग्रेस पार्टी में पहली बार ऐसी जिम्मेवारी दी जा रही है और उनकी मॉनेटरिंग करने की भी व्यवस्था की गई है। प्रदेश में दोनों ही दलों ने अब तक 21-21 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और संभवतः आज-कल में बाकी प्रत्याशियों की घोषणा हो जाएगी नवरात्रि का शुभ मुहूर्त शुरू होते ही प्रत्याशियों ने नामंकन पत्र दाखिल करने का सिलसिला भी शुरु कर दिया है सोमवार और मंगलवार को अधिकांश प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल कर लेंगे।

देवदत्त दुबे
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं

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