इस होली और चैत्र मास की नवरात्रि मनाई जाएगी, 24 को चैत्र अमावस्या

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जीवन मंत्र डेस्क। 2020 का तीसरा माह मार्च रविवार से शुरू हो रहा है। इस माह में हिन्दी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास खत्म होगा और चैत्र मास शुरू होगा। मार्च में होली और चैत्र मास की नवरात्रि मनाई जाएगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए नए माह में कब कौन सी शुभ तिथि रहेगी और उस दिन कौन सा शुभ काम किया जा सकता है…

> रविवार, 1 मार्च से नया माह शुरू हो गया है। इस दिन सूर्य पूजा विशेष रूप से की। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से चढ़ाया और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
> मंगलवार, 3 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा, ये होलिका दहन तक रहेगा। इन दिनों में सभी मांगलिक कर्म वर्जित रहेंगे। पूजा-पाठ की जा सकती है।
> शुक्रवार, 6 मार्च को रंगभरी एकादशी है। इसे आमलकी एकादशी भी कहते है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत रखें। विष्णु-लक्ष्मी की विशेष पूजा करें।
> सोमवार, 9 मार्च को होलिका दहन होगा। इस तिथि पर फाल्गुन खत्म हो जाएगा। अगले दिन यानी 10 मार्च को होली खेली जाएगी। इस दिन से चैत्र मास शुरू हो जाएगा। 10 मार्च बसंत ऋतु शुरू होगी। > गुरुवार, 13 मार्च को गणेश चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश के लिए विशेष पूजा-पाठ करें और व्रत करें।
> शनिवार, 14 मार्च को रंग पंचमी है। इसी दिन सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा, इस वजह से खरमास शुरू होगा। खरमास में मांगलिक कर्म करने से बचने की सलाह दी जाती है। इस संबंध में मान्यता है कि सूर्यदेव देवताओं के गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं।

> मंगलवार, 17 मार्च को शीतलाष्टमी है। इस दिन ठंडा भोजन करने की परंपरा है। शीतला माता की विशेष पूजा की जाती है।
> शुक्रवार, 20 मार्च को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे पापमोचनी एकादशी है।
> मंगलवार, 24 मार्च को चैत्र मास की अमावस्या है। इस दिन पितरों के लिए विशेष धूप-ध्यान करने की परंपरा है। पवित्र नदियों में स्नान करें और दान-पुण्य करें।
> बुधवार, 25 मार्च से चैत्र मास की नवरात्रि शुरू हो जाएगी। बुधवार को घट स्थापना होगी। इसी दिन गुड़ी पड़वा मनाई जाती है। नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
> शुक्रवार, 27 मार्च को गणगौर तीज है। इस दिन देवी पार्वती के लिए व्रत-उपवास किया जाता है।
> शनिवार, 28 मार्च को विनायकी चतुर्थी है। शनिवार को गणेशजी के साथ ही शनिदेव का भी विशेष पूजन करें।

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