आपका सपना, आपके कॅरिअर से भव्य

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अमिताभ इन दिनों अपने गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नए सीजन को लेकर भी चर्चा में हैं। हाल ही में ‘एलेक्सा’ की आवाज़ बने अमिताभ बच्चन के शब्दों में पढ़िए- सपनों की ताकत। यह स्पीच उन्होंने लगभग तीन साल पहले दी थी…

जब मैं यहां आया तो मैंने मिसेज अंबानी (नीता) को कई बार यहां के स्टूडेंट्स को ‘मेरे बच्चे’ कहते सुना। मुझे इस बात ने सोचने पर मजबूर किया कि हर बच्चा अपने माता-पिता का सपना है। वो सपना जिसे पैरेंट्स जीते हैं। अगर आप यह सीखना चाहते हैं कि अपने सपने को कैसे जिया जाता है, तो सिर्फ अपने पैरेंट्स को देख लीजिए। यह आपको हम सब में नज़र आएगा। जुनून के साथ, संभाल के साथ, संकल्प के साथ, जिम्मेदारी के साथ, दृढ़ निश्चय के साथ… वैसे, यह तो सरल हिस्सा है। मुश्किल हिस्सा बाद में आता है, जब आप और आपके सपने में फर्क नहीं रह जाता। जब आप सपना हो जाते हैं, केवल वो नहीं रह जाते जिसे आपने या आपके पैरेंट्स ने देखा था। आप इस सफर में देश का सपना भी हो जाते हैं।

आप अपनी चुनी हुई राहों का सपना हो जाते हैं, आप खुद को लाखों लोगों में देखने लगते हैं, आपका नज़रिया दुनिया भर की आवाजों में गुंजायमान हो जाता है। आज आप एक ऐसे ही सपने की ओर अपना सफर शुरू करने वाले हैं। इ

स सपने को जब आप पूरा करने निकलेंगे तो पैरेंट्स की प्रार्थनाएं साथ होंगी, टीचर्स आप पर गर्व करेंगे और देश आपसे उम्मीद करेगा। यह सब बातें ही आपके सपने की ताकत होती हैं और आज यह आपके साथ हैं। अपनी पूरी हिम्मत से मौके को थामिए और कर दिखाइए। कई बार ऐसा होगा कि चीजें नामुमकिन नजर आएंगी, कई बार यह परियों की कथा लगेगी। कोई नहीं कहता कि जिंदगी आसान है, कठिनाइयों के आगे डिगना नहीं है।

वो सपना बनिए जो आप दुनिया को लेकर देखते हैं। तो सपना जीना शुरू कीजिए। वो सपना… जो ना मेरा है ना आपका है, उस सपने का सिर्फ उसी से संबंध है।आपके सपने और आपके पैरेंट्स के सपने एक ही जगह जिंदा रहते हैं, उस जगह को घर कहते हैं। ना आपका, ना मेरा, ना किसी एक का… घर हमेशा हमारा रहेगा, हमारा घर। हमारा सपना ही हमारी पूजा है, हमारा नजरिया ही हमारी प्रार्थना है। यह सपने की संरचना है, यही जोड़ है। यह प्यार का जुड़ाव है। यह जिम्मेदारियों का बंधन है। फिर वो छोटा-सा परिवार हो या बड़ा देश। हम हैं, क्योंकि हमने सपना देखने का साहस किया है। हम हैं, क्योंकि श्रेष्ठ बनने के लिए सीख रहे हैं। हमेशा याद रखिए कि जिंदगी में जो भी जानने में अच्छा है, वो सीखने में मुश्किल है।

पहाड़ों में बसे मेरे स्कूल शेरवुड में एक बॉक्सिंग रिंग हुआ करती थी। हर किसी को उसमें जाना ही होता था और लड़ना पड़ता था। अभी तो शायद यह बंद हो गई है लेकिन मैंने इससे काफी सीखा। मैंने सीखा कि इस रिंग के बाहर आपको कितना भी समर्थन मिल रहा हो, लेकिन अंदर आप केवल अपने दम पर खड़े रह सकते हैं। जिंदगी भी कुछ ऐसी ही है। आप पर जान न्यौछावर करने वाले लाखों फैन्स हो सकते हैं, आलोचना करने वाले लोग भी हो सकते हैं, परेशान करने वाले भी हो सकते हैं… लेकिन आखिर में तो आपको जिंदगी से अकेले ही जूझना है।’

जिंदगी डिसिप्लिन, फोकस और ऑर्डर है, उसका एक उद्देश्य हैएक शब्द है करियर। मुझे ये शब्द पसंद नहीं है। कॅरिअर सिर्फ तेज दौड़ है, ठीक वैसा ही जैसा रेसकोर्स में घोड़ा करता है। अनियंत्रित गति से दौड़ता रहता है, ना तो इसका कोई उद्देश्य है ना ही नाम। जिंदगी कोई रेसकोर्स नहीं है। जिंदगी एक ऑर्डर है, एक डिसिप्लिन है। जिंदगी फोकस है, उसका एक उद्देश्य है। सद्गुणों से यह उद्देश्य हासिल किया जा सकता है, जिसे आप कोशिशों से विकसित करते हैं। जिंदगी के साथ जुआ मत खेलिए, यह दोबारा नहीं मिलेगी। सपना, इन्हीं वजहों से, करियर से भव्य है।

अमिताभ बच्चन
(लेखक किसी परिचय के मोहताज नहीं, ये उनके निजी विचार हैं)

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