मंगलवार, 26 नवंबर को मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की अमावस्या है। इस माह को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है। इसीलिए इन दिनों में श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस माह की अमावस्या का महत्व काफी अधिक है। इस दिन की गई पूजा-पाठ जल्दी सफल हो सकती है। इस माह की अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। अगर संभव हो सके तो इस दिन मथुरा स्थित यमुना नदी में स्नान करें। मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है, इसी वजह से यहां पुण्य स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। मंगलवार की अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है। इस तिथि पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। गाय के गोबर से बने कंडे को जलाएं और उस पर गुड़-घी डाल पितरों को धूप अर्पित करें।
इस दिन पितरों के लिए गरीबों को दान भी जरूर करना चाहिए। मंगलवार और अमावस्या के योग में हनुमानजी की पूजा विधि-विधान से करें। पूजा में हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें। अगर संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं।मंगलवार को मंगल ग्रह के लिए भी पूजा-पाठ की जाती है। मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में होती है। इसीलिए इस दिन शिवलिंग पर लाल फूल, लाल गुलाल चढ़ाएं। मसूर की दाल अर्पित करें। अमावस्या तिथि पर घर में ह्वलेश नहीं क रना चाहिए। साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखें। माता-पिता का अनादर न करें। इस दिन घर में शांति और प्रेम बनाए रखना चाहिए। ऐसा करने से घर का वातावरण सकारात्मक बना रहता है और पूजा-पाठ में मन लगता है।