योगिनी एकादशी : जानें महत्व

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01 जुलाई 2024 सोमवार को सुबह 10:26 से 02 जुलाई, मंगलवार को सुबह 08:42 तक एकादशी है। योगिनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण उपवास का दिन है। इसे हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। योगिनी एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है और इसे जीवन में पुण्य, पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

योगिनी एकादशी के व्रत का पालन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। व्रत के दिन भक्त उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

इस दिन व्रत रखने वालों को चावल और गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। फल, दूध, और अन्य सात्विक खाद्य पदार्थ ही सेवन करने चाहिए। योगिनी एकादशी का व्रत संकल्प लेकर और अगले दिन पारण करने के बाद ही पूरा माना जाता है।

हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

💥 विशेष – 02 जुलाई, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।
🙏🏻 योगिनी एकादशी (महापापों को शांत कर महान पुण्य देनेवाला तथा 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल देनेवाला व्रत)

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