तथागत भगवान बुद्ध के उपदेश By admin - May 6, 2019 0 271 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp भगवान बुद्ध अपनी दुर्दशा के लिए दूसरों को उत्तरदायी ठहराने से यह पता चलता है कि व्यक्ति में सुधार की अवश्यकता है, स्वयं को दोषी ठहराने से यह पता चलता है कि सुधार आरंभ हो गया है और किसी को भी दोषी नहीं ठहराने का अर्थ यह है कि सुधार पूर्ण हो चुका है।।