पूनावाला और सीरम इंस्टीट्यूट की दास्तां

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इसे हम दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहेंगे कि जहां हम लोग विकास दुबे से लेकर रिया चक्रवर्ती जैसे विवादित लोगों को बहुत अच्छी तरह से जानते हुए उनके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए लालयित रहते हैं वहीं आमतौर पर हम लोगों को उन लोगों में कोई रूचि नहीं होती है जो दुनिया व देश के लिए अच्छा काम करते हैं। इनमें एक नाम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का है। पुणे स्थित इसमें विशेष तौर पर बच्चे के रोकथाम के लिए टीके बनाने वाली कंपनी के मौजूदा कर्ता-धर्ता अदार पूनावाला हैं। यह कंपनी भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की ऐसी सबसे बड़ी कंपनी है जो रोगों में प्रतिरोध विकसित करने वाले टीके विकसित करती है। यह इस तरह के टीके तैयार करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी हैं। यहां विभिन्न रोगों से लड़ने वाले वैक्सीन के 130 करोड़ टीके हर साल तैयार किए जाते हैं। इनमें पोलिया, टीबी, बीसीजी आदि के टीके भी शामिल हैं। इस कंपनी ने 2009 में स्वाइन फ्लू से बचाव करने वाला टीका विकसित किया था और देखते-ही-देखते इस क्षेत्र में महारत हासिल कर ली। कभी रेस के घोड़े पैदा करने वाला स्टड फार्म चलाने वाले इस पिता पुत्र परिवार ने वैक्सीन निर्माण में लगभग पूरी दुनिया को पछाड़ दिया है। उनकी माली हालत का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कुछ साल पहले मुंबई के समुद्रतट के निकट स्थित एक पूर्व महाराजा के विशाल बंगले को उसकी मौजूदा मालिक अमेरिकी सरकार से 7.5 करोड़ डालर में खरीदकर देश के इतिहास में सबसे महंगी संपत्ति को खरीदने का रिकार्ड स्थापित किया।

करीब 50000 फुट में फैला यह लिंकन हाउस अब पूनावाला का परिवारिक घर है। इब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वे राष्ट्रपति थे वहां अमेरिकी काउंसलर काम कर रहा था। इसे वांकानेट हाउस के नाम से भी जाना जाता था जिसे महाराष्ट्र के एक राजा ने 1957 में बेच दिया था। इस बारे में पूनावाला के बेटे अदर पूनावाला का कहना था कि हमने कुछ साल पहले लंदन के ग्रस्टेगर होटल को भी खरीदने की कोशिश की थी मगर हम लोग असफल रहे। इससे पहले 2010 में मुकेश अंबानी ने वहां से 10 किलोमीटर दूर जमीन खरीद कर अपना घर एंटिला बनाया। उस 27 मंजिले इस घर की कीमत 500 मिलियन डालर आकी जाती है। कोविड-19 भले ही पूरी दुनिया व आम आदमी के लिए घातक सिद्ध हुआ हो मगर इसके कारण पूनावाला परिवार की कमाई में इतनी ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई कि दुनिया के अमीरो की सूची में 57 सीढि़यां चढ़ते हुए दुनिया के 86वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। दुनिया में होने वाली उनकी यह प्रगति उल्लेखनीय मानी जाती है। आज वे 900 करोड डालर की संपत्ति के मालिक हैं। उनकी कंपनी की सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी कंपनी ने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की जा रही कोविड वैक्सीन के निर्माण के लिए आस्ट्रा जेनिका कंपनी के साथ अनुबंध किया है व उनकी कंपनी इस वैक्सीन के 1 बिलियन डोज तैयार करेगी। बताते हैं कि मुकेश अंबानी को दुनिया का आठवां सबसे अमीर व्‍यक्ति माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि दुनियाभर के गरीब देशों में रोगों से रखाव व बचाव के लिए बांटे जाने वाले टीके इसी कंपनी द्वारा तैयार किए जाते हैं व मौटे तौर पर वह दुनिया भर में टीके सप्लाई करने वाली ऐसी भारतीय कंपनी बन गई है जोकि दुनिया में 70 फीसदी तक वैक्सीन सप्लाई कर रही है। इस कंपनी की स्थापना 1966 में डा साइरस एस पूनावाला ने की थी। पहले वे घोड़ो और महंगी कारो का व्यवसाय करते थे मगर उनकी मेहनत व सोच के कारण यह कंपनी महज 54 सालों में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी बन गई है। वे कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक हैं व उनका बेटा अदार सी पूनावाला कंपनी का सीईओ है। उनके 40 वर्षीय बेटे अदार सी पूनावाला ने 2001 में कंपनी का कामकाज संभाला व दुनिया के 35 देशों में अपना उत्पादन (टीके) बेचने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की संस्थान डब्ल्यूएचओ से संपर्क किया। वह उन्हें बच्चों के बचाव के लिए सस्ते दामों पर वैक्सीन बेचने की पेशकश की व 2015 तक दुनिया के 140 देशों में अपने उत्पादन बेचने लगे व आज उनकी कंपनी की आय में लाभ का हिस्सा 85 फीसीदी यही से आता है। उन्होंने देखते ही देखते नीदरलैंड की वैक्सीन बनाने वाली सरकारी कंपनी बिल्ट होवन बायोलाजिकल कंपनी को खरीद लिया। आज उनकी हैसियत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि वे दुनिया की वैक्सीन निर्माता कंपनियों के संगठन के प्रबंध निदेशक के प्रबंध बोर्ड के सदस्य हैं।

उन्होंने ओस्का पोलियो वैक्सीन तैयार की जो आज दुनिया भर के बच्चो की जीवन रक्षा के लिए चंद बूंदे जीवन के नाम से प्रभावित है व हर साल दुनिया में करोड़ो बच्चो को इस रोग का शिकार बनने से बचा रहे हैं। अब उनकी कंपनी डेंगू, फ्लू व सरवाइकल कैंसर के ईलाज की दवाएं व वैक्सीन तैयार करने में लगी हुई हैं। उन्होंने अपनी दानकर्ता वाली सोच लोगों के लिए उठाए कदमो के कारण दुनिया में जाने माने अवार्ड व सम्मान दिए जा चुके हैं। उनकी कंपनी की प्रतिष्ठा व काम को देखते हुए देश की दवा नियंत्रण ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने उनकी कंपनी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का इंसानों में दूसरे व तीसरे चरण में शारीरिक इस्तेमाल किए जाने की अनुमति दे रखी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर में जाने माने अमीर बिल गेट्स परिवार की संस्था बिल व मेलिना गेट्स फाउंडेशन दुनिया भर में उनके द्वारा तैयार की गई कोविड वैक्सीन के वितरण करने के लिए आगे आया हुआ है व उनकी भारी आर्थिक मदद की जा रही है।

इस वैक्सीन के लाखों करोड़ डोज भारत समेत दुनियाभर के गरीब व विकासशील देशों में बांटे जाएंगे। अदार सी पूनावाला के मुताबिक उनकी कोशिश होगी कि यह वैक्सीन पूरी दुनिया में समय रहते सस्ते दामों पर पहुंच जाए। गेट्स फाउंडेशन ने उन्हें इस काम के लिए 150 मिलियन डालर की राशि उपलब्ध करवाई है। कंपनी का दावा है कि अगर सबकुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो वह दिसंबर माह तक महज 225 रुपए डोज की दर पर यह दवा दुनिया भर में उपलब्ध करवा देगी। तब तक इन दवा के असर इंसानों पर किए जाने वाले परीक्षण भी पूरे हो जाएंगे व उम्मीद है कि यह सबका बचाव कर पाने में सहायक साबित होगी। गेट्स फाउंडेशन पहले भी पोलिया व दूसरे टीके दुनिया के गरीब देश में उचित दामो पर बंटवाने के लिए इस कंपनी की मदद कर रही है।

विवेक सक्सेना
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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