गुप्त नवरात्रि का महत्व जानें

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माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ गुप्त नवरात्रियाँ है जिसकी शुरुआत 10 फरवरी 2024 शनिवार से होने जा रही है l
एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l
शत्रु को मित्र बनाने के लिए
नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।
नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l
👩 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1
👵 जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :
🌷 “अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले “
🙏
🙏 भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l
👩 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2
🙏 माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं l)
🌷 • ” ॐ ह्रीं गौरये नमः ” 🌷
🙏
🙏 मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l
🐄 गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l
💶 श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु 💶
💥 प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है
🙏 मंत्र ध्यान से पढ़ें 🙏
🌷 “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् “

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