केवल एक किताब ही नहीं बल्कि हमारे जीवन को सफल बनाने में या हम कहें कि हमें स्वस्थ रखने में प्रमुख भूमिका निभाती है। स्वस्थ शरीर सफलता की कुंजी है। यह केवल कहावत ही नहीं अपितु सच है कि सबसे बड़ा सुख निरोगी काया। अंग्रेज इसे कहते हैं हैल्थ इज वैल्थ। आज की नई पीढ़ी के लिए यह किताब एक तरह से स्वास्थ्य की गाइड लाइन है जो आपके पास है। आपकी रसोई में है। लेकिन जिस प्रकार कस्तूरी मृग के कुंडल में बसती है परंतु उसे पता नहीं रहता और वह पूरे जंगल में उसे ढूंढती है। उसी तरह से हमारे स्वास्थ्य की सारी सामग्री हमारे रसोई में मौजूद है। पर, हम उन्हें बाजारू दवाईयों और टॉनिकों में ढूंढते हैं।
डॉ. साधना मित्तल की 80 पेज की यह पुस्तक हमें न केवल हमारी मसालेदानी में बसने वाले, जायका बढ़ाने वाले मसालों के बारे में जागृत करती है और उनके फायदों को चाहे वह औषधीय गुण हों या उनके प्रयोग, हम तक पहुंचाती है। हमारे खानपान में रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली हल्दी, दालचीनी, हींग, धनिया, प्याज, अदरक, नमक, तेजपत्ता, अदरक या सौंठ इत्यादि के बारे में बताकर आज की दुनिया के एकल परिवार को दादी-नानी के नुस्खे जैसा रोल अदा करती है। सब मिलाकर डॉ. साधना मित्तल (योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ) की पुस्तक ”आपकी रसोई घर का औषधालय” हर घर की रसोई में रखने की जरूरत है। अगर कहीं किसी को या परिवार के किसी सदस्य को कोई भी शारीरिक तकलीफ हो तो डॉटर के पास पहुंचने से पहले गृहणी रसोई से इलाज शुरू कर दें। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एक सफल गृहणी साधना मित्तल की यह पुस्तक गृहणी को परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा करने का एक मंत्र देती है। इस पुस्तक का प्रकाशन-निरूपमा प्रकाशन, शास्त्री नगर, मेरठ द्वारा किया गया है तथा पुस्तक का मूल्य 99 रुपये है।